हरियाणा के वन्यजीव अभयारण्य
“प्राकृतिक धरोहरों और जैव विविधता का संरक्षण”
📌 परिचय
हरियाणा में कई वन्यजीव अभयारण्य स्थित हैं जो यहाँ की जैव विविधता को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये अभयारण्य न केवल जीवों की रक्षा करते हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखते हैं।
🦌 प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य
- कालेसर वन्यजीव अभयारण्य (Kalesar WLS) – यमुनानगर जिले में स्थित, यह शाल वृक्षों से भरा हुआ जंगल है, जहाँ हाथी, तेंदुआ, हिरण आदि पाए जाते हैं।
- बिड़ला मुंडा अभयारण्य – यह स्थान चरखी दादरी जिले में स्थित है।
- नाहर वन्यजीव अभयारण्य (Nahar WLS) – रेवाड़ी जिले में स्थित यह अभयारण्य खासकर नीलगाय और मोरों के लिए प्रसिद्ध है।
- भीिन्दावास पक्षी अभयारण्य (Bhindawas Bird Sanctuary) – झज्जर जिले में स्थित यह अभयारण्य प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान – भले ही यह गुरुग्राम के पास हरियाणा में स्थित है, पर इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला हुआ है।
- भूरी-भूरी अभयारण्य – यमुनानगर में स्थित यह क्षेत्र संरक्षित वन भूमि के रूप में घोषित है।
🐾 संरक्षित प्रजातियाँ
- हाथी, तेंदुआ, भालू, हिरण, सियार, नीलगाय
- कई प्रकार के प्रवासी पक्षी जैसे सारस, फ्लेमिंगो, पेलिकन
📆 परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न
- प्रश्न: कालेसर अभयारण्य किस जिले में स्थित है?
उत्तर: यमुनानगर - प्रश्न: हरियाणा का प्रमुख पक्षी अभयारण्य कौन सा है?
उत्तर: भिन्दावास पक्षी अभयारण्य - प्रश्न: सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान किस लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: प्रवासी पक्षियों के लिए