हरियाणा का लोक संगीत
“हरियाणा की मिट्टी से जुड़े लोक सुर, जो संस्कृति को जीवंत बनाते हैं।”
🎼 लोक संगीत का महत्व
हरियाणा का लोक संगीत राज्य की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है। यह जीवन के सभी पहलुओं – जन्म, विवाह, त्योहार, युद्ध, प्रेम और भक्ति – को दर्शाता है। यह संगीत पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से प्रसारित होता रहा है।
🎶 प्रमुख लोक गीत
- रागनी: हरियाणा की सबसे प्रसिद्ध गायन शैली, सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर आधारित होती है।
- सांझी गीत: त्योहारों के दौरान गाया जाने वाला पारंपरिक गीत।
- गुग्गा गीत: गुग्गा नवमी पर देवी-देवताओं की स्तुति में गाया जाता है।
- बिरहा गीत: वीर रस से ओतप्रोत गीत, वीरता और युद्ध पर आधारित।
- भजन और आरती: धार्मिक अवसरों पर गाए जाने वाले गीत।
🧑🎤 प्रमुख लोक कलाकार
- राजू पंजाबी – हरियाणवी लोक पॉप को बढ़ावा देने वाले प्रसिद्ध गायक।
- महमूदपुरिया – रागनी गायन में प्रसिद्ध नाम।
- रजनी सैनी – महिला लोक गायिका, विशेषकर शादी-ब्याह गीतों में प्रसिद्ध।
- लखविंदर लक्खा – भक्ति गीत और रागनी गायक।
📯 पारंपरिक वाद्ययंत्र
- ढोलक: ताल देने वाला प्रमुख वाद्य
- एकतारा: भक्ति गीतों में प्रयुक्त एक तार वाला वाद्य
- बीन: सांप के नृत्य में प्रयुक्त होने वाला पारंपरिक वाद्य
- मंजीरा: भक्ति संगीत में प्रयोग होने वाले छोटे झांझ
📚 परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न
- प्रश्न: हरियाणा की प्रसिद्ध गायन शैली कौन सी है?
उत्तर: रागनी - प्रश्न: गुग्गा नवमी पर कौन से गीत गाए जाते हैं?
उत्तर: गुग्गा गीत - प्रश्न: लोक संगीत में कौन से वाद्ययंत्र प्रयोग किए जाते हैं?
उत्तर: ढोलक, मंजीरा, बीन, एकतारा