हरियाणा में कृषि

“हरियाणा – हरित क्रांति का अग्रदूत”

🌾 परिचय

हरियाणा भारत के प्रमुख कृषि प्रधान राज्यों में से एक है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। राज्य ने हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया।

📊 कृषि की विशेषताएँ

  • राज्य की लगभग 80% जनसंख्या कृषि या कृषि आधारित व्यवसाय में संलग्न है।
  • हरियाणा की कुल भौगोलिक भूमि का लगभग 86% हिस्सा कृषि योग्य है।
  • हरित क्रांति की शुरुआत के कारण गेहूं और धान उत्पादन में वृद्धि हुई।

🌱 प्रमुख फसलें

  • रबी फसलें: गेहूं, सरसों, चना
  • खरीफ फसलें: धान, कपास, बाजरा, मक्का

🚜 कृषि यंत्रीकरण

हरियाणा में कृषि उपकरणों का प्रयोग जैसे ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर और थ्रेशर काफी सामान्य है। इससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।

💧 सिंचाई व्यवस्था

  • हरियाणा में सिंचाई मुख्य रूप से नहरों और ट्यूबवेल के माध्यम से होती है।
  • यमुना नहर प्रणाली राज्य की प्रमुख सिंचाई प्रणाली है।

🏆 हरित क्रांति में योगदान

1960 के दशक में हरित क्रांति के कारण हरियाणा ने गेहूं और चावल उत्पादन में असाधारण वृद्धि की। राज्य ने पंजाब के साथ मिलकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभाई।

📈 कृषि से संबंधित योजनाएं

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
  • हरियाणा मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना
  • फसल बीमा योजना

📆 परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न

  • प्रश्न: हरियाणा में कौन-कौन सी प्रमुख रबी फसलें होती हैं?
    उत्तर: गेहूं, सरसों
  • प्रश्न: हरित क्रांति के दौरान हरियाणा ने कौन-सी फसलों में वृद्धि की?
    उत्तर: गेहूं और धान
  • प्रश्न: हरियाणा की सिंचाई प्रणाली में प्रमुख योगदान किसका है?
    उत्तर: यमुना नहर प्रणाली